खासकर वैवाहिक पारिवारिक दृश्टिकोण से विवाह न हो पाना , विवाह में बात का न बन पाना , बनते बनते कट जाना , विवाह तय होकर कट जाना ,
विवाह में बिलम्व होना , इस तरह की परेशानी हो तो स्त्री एवं पुरूष को गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करने से भगवान् शंकर एवं माता पार्वती के आशीर्वाद से
शीघ्र विवाह के योग बनते हैं।
इसके अलावा विवाह के बाद पति-पत्नी के संबंध ठीक नहीं रहते हो या आपसी संबंध खराब होने के कारन अलग होने की
स्थिति बन जाय तो यह गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करने से संबंध मजबूत होता हैं।
इसके अलावा शारीरिक संबंध में परेशानी, संतान होने में परेशानी या पति
पत्नी के स्वस्थ्य ठीक नहीं रहते हो , या जन्मकुंडली में मंगली दोष, अष्टकूट मेलापक में गुण का कम मिलना या कुंडली में वैधव्य योग हो तो गौरी-शंकर
रुद्राक्ष धारण करने से लाभ होता हैं।
शरीर स्वस्थ्य से संबंधित परेशानी ,बार बार बीमार पड़ना , खास कर पेट , हृदय, सर , नसों से संबंधित कष्ट को दूर करता है।
मेहनत से कम प्राप्ति , खर्च की अधिकता , पैसे की वचत नहीं हो पाना ,अकारण व्यय , माता -पिता को परेशानी ,
पारिवारिक संबंध ठीक न रहना ,घर-माकन, भूमि-भवन वाहन से सम्बंधित परेशानी , ऋण रोग शत्रु से परेशानी , देश-विदेश जाने में परेशानी ,
नौकरी या रोज़गार में परेशानी, प्रतिष्ठा की हानि , प्रमोशन में रूकावट हो तो गौरी-शंकर रुद्राक्ष धारण करने से प्रत्येक क्षेत्रों में उन्नति एवं प्रगति होती है।

शरीर के ऊपर गौरी-शंकर रुद्राक्ष का प्रभाव कैसे होता हैं ?
जिस प्रकार हम सेटेलोइट के किरणों के द्वारा घर बैठे टीवी चैनल का लाभ उठाते है उसि प्रकार ग्रहो की शुभ किरणे रुद्राक्ष के द्वारा शरीर में प्रवेश करती है , इससे हमें लाभ की प्राप्ति होती है। रुद्राक्ष का महत्व यह है कि इसमें अनोखे तरह का स्पदंन होता है। जो आपके लिए आप की सकारत्मक ऊर्जा का सुरक्षा कवच बना देता है, जिससे नकारात्मक एवं बाहरी ऊर्जाएं आपको परेशान नहीं कर पाती।
हमारे यहाँ से क्यों ले ?
* हमारे संस्थान से असली रुद्राक्ष गारंटी के साथ दिया जाता है जिसके साथ असली होने का लैब सर्टिफिकेट होता है जो भारत सरकार से मान्यता प्राप्त लैब के द्वारा प्रमाणित होता है।
* हमारे संस्थान से रुद्राक्ष को चांदी या अष्टधातु में निर्मति करके दिया जाता है।
* हमारे संस्थान से रुद्राक्ष धारक के नाम एवं ग्रहों के अनुसार पूजा एवं अनुष्ठान के द्वारा अभिमंत्रित करके दिया जाता है ।
* रुद्राक्ष को किस दिन एवं किस समय धारण करना हैं इसका सम्पूर्ण विवरण लिखकर दिया जाता है। (आपको सिर्फ रुद्राक्ष धारण करना होता है। )